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Swetima

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यह कोई कहानी नही ह, न ही कोई साकषातकार ह। पर हा, यह एक विवरण ह...भावनाओ का, पयार का, वातसलय का, कतजञता का, दआ का, आभार का, मकददर का, अदभत सयोग का, शकति का, सपरक का, सभावनाओ का, खशी का...और एक मा-बटी क अतलय रिशत का।प्यार के भिन्न रूपों में एक रूप है- 'वात्सल्य' का और यही सर्वोपरि है।इस पुस्तक में एक माँ ने अपनी तरफ से अपनी बेटी को जीवन से संबंधित सिर्फ सामाजिक-सांस्कृतिक-पारिवारिक ज्ञान ही नहीं, वरन् स्नेहिल आभार सहित धन्यवाद भी दिया है।वो बेटी जो अपनी माँ का अभिमान भी है, स्वाभिमान भी;मार्गदर्शिका भी है, प्रेरणा भी;सखी भी है, हमराज भी;शिष्य तो है ही पर गुरु भी!'स्वेतिमा', जिसका तात्पर्य है दुनिया को प्रकाशित करती एक चामत्कारिक रोशनी, जिसने चहुँओर अपना तेज फैलाना शुरू कर दिया है।

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Product Details
Pawan Agrawal
9386870681 / 9789386870681
Hardback
01/12/2019
India
104 pages
General (US: Trade) Learn More