अतयत हरष की बात ह कि गत वरष आयोजित 'गजल कठ2019' म शामिल गजलकारो दवारा पढी गई गजलो का यह सकलन परखयात शायर/सपादक शरी दीकषित दनकौरी जी क सपादन म मजर-आम पर आ गया ह।पिछले 12 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ दनकौरी जी ग़ज़ल विधा को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ 'ग़ज़ल कà¥à¤‚à¤' का आयोजन करते आ रहे हैं। दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ दनकौरी जी की निषà¥à¤ ा, समरà¥à¤ªà¤£ और लगन न केवल पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय है, अपितॠनई पीढ़ी के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ à¤à¥€ है।मà¥à¤à¥‡ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि इस संकलन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ग़ज़ल-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ पाठक वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ दौर में कही जाने वाली ग़ज़लों से रू-ब-रू होंगे और ग़ज़ल के नठहसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ की हौसला अ़फज़ाई करेंगे।इस संकलन में शामिल सà¤à¥€ ग़ज़लकारों को बधाई à¤à¤µà¤‚ नववरà¥à¤· 2020 की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤-बसंत चौधरी1 जनवरी, 2020म़कबूल शायर मà¥à¤¨à¤µà¥à¤µà¤° राना ने कà¤à¥€ कहा था, ''दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ दनकौरी ने देश-विदेश के साहितà¥à¤¯-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दिलों में वो जगह बना ली है, जो सौ बरस की उमà¥à¤° पानेवाले साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ आसानी से नसीब नहीं होती। कई बीघों में बनी सरकार की बनाई हà¥à¤ˆ अकादमियाठà¤à¥€ इतना सचà¥à¤šà¤¾, तारी़खी और ईमानदारी से à¤à¤°à¤ªà¥‚र काम नहीं कर सकतीं। हिंदी और उरà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤•à¥‡à¤¡à¤®à¤¿à¤¯à¤¾à¤ चाहें तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मà¥à¤¶à¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾ तौर पर किसी बड़े मसनब और à¤à¥›à¤¾à¥› से नवाज़ कर अपने आपको सà¥à¤¼à¤°à¥à¤–रॠकर सकती हैं।''अब उनके इस कथन के बाद मà¥à¤ जैसे तालिबे-इलà¥à¤® के लिठदीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ दनकौरी जी के बारे में कà¥à¤› कहने के लिठकà¥à¤¯à¤¾ रह जाता है, फिर à¤à¥€ इतना अवशà¥à¤¯ कहना चाहूà¤à¤—ा कि दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ दनकौरी जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 35-40 सालों से की जा रही अदब की इन ख़िदमात को वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में चाहे कितना à¤à¥€ इगà¥à¤¨à¥‹à¤° किया जा रहा हो, आनेवाली पीढि़याठउनसे सीख लेंगी कि किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° निःसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤¾à¤µ से, बिना किसी शोर-शराबे के तारी़खी काम किया जा सकता है। 'ग़ज़ल कà¥à¤‚ठ2019' में शामिल सà¤à¥€ ग़ज़लकारों को हारà¥à¤¦à¤¿à¤• बधाई, शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤-मोईन अ़खतर अंसारी अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· अंजà¥à¤®à¤¨ फ़रोग़-à¤-उरà¥à¤¦à¥‚ (