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Anupameya Shankar

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अछत विषयो पर लिख गए अपन उपनयासो क कारण लगातार चरचा म रहनवाली सपरसिदध लखिका डॉ. नीरजा माधव का यह नवीन उपनयास 'अनपमय शकर' भगवान आदि शकराचारय क जीवन क अनछए परसगो को रखाकित करनवाली एक अदवितीय कति ह।'प्रचंड ग्रीष्म ऋतु के कारण सभी पशु-पक्षी व्याकुल थे। भीषण ताप से बचने के लिए मछलियाँ भी जल के भीतर शरण ले चुकी थीं। चिडि़याँ अपने-अपने घोसलों में दुबकी थीं, हंस कमलपत्रों में छिपकर भीषण ताप से स्वयं को बचाने का प्रयास कर रहे थे। ऐसी नीरव बेला में तुम अपने शिष्यों के साथ कमलपुष्प के पराग से सुगंधित गंगा की ओर बढ़े जा रहे थे। तुम सब चुप थे। बस तुम्हारी खड़ाऊँ की मद्धिम खट्-खट् से सन्नाटा भंग हो रहा था, मानो विपरीत मतावलंबियों को तुम चेतावनी दे रहे थे।-इसी उपन्यास से

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Product Details
Prabhat Prakashan
9384343595 / 9789384343590
Book
15/03/2017
India
160 pages