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Naya Saal Mubarak Tatha Anaya Kahaniyan

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''भा ई साहब! वकील साहबान कयो पीट रह ह रिकशाचालक को?'' दसर तमाशबीन स मन पछा।''उनकी इच्छा।''''रिक्शावाले का कसूर?''''कुछ नहीं, बस मजबूरी, गरीबी, बीमारी और बुढ़ापा।''''और इतने लोग तमाशबीन, तुम भी?''''तुम नए लग रहे हो, इस इलाके के लिए?''''नहीं, पाँच साल से हूँ।''''ताज्जुब है, कैसे नहीं जानते?... खैर! इतना जान लो, ये शरीफ लोग जब नशे में धुत होते हैं तो किसी का शरीर नाप लेते हैं, किसी भी लड़की या महिला से ठिठोली कर लेते हैं और लोग उस तमाशे को फिल्म के रोमांचक दृश्य की तरह देखते हैं; मैं भी, जैसे अभी,'' उसने खुलासा किया।''कोई विरोध नहीं करता?''''नहीं, कोई नहीं, जानने वाला तो कतई नहीं। उत्साही किस्म का अनजान दखल देते ही बलि का बकरा बन जाता है।'' उस व्यक्ति की बात सुनते-सुनते मेरी नजर पुलिस के दो जवानों पर पड़ी, जो बगल के ठेले से मौसमी का जूस पी रहे थे। झट मैं उनके पास पहुँच गया।''वहाँ दो अपराधी खुलेआम एक बूढ़े रिक्शेवाले को बुरी तरह पीट रहे हैं और आप लोग इत्मीनान से जूस पी रहे हैं?'' मैंने नसीहत दी।-इसी पुस्तक सेसमाज पर हावी असामाजिक तत्त्वों की कारगुजारियों तथा आम आदमी की सुरक्षा की पोल खोलनेवाला पठनीयता से भरपूर रोमांचक उपन्यास।

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Product Details
Children Book Temple
8193288831 / 9788193288832
Book
25/06/2017
India
152 pages
Children / Juvenile Learn More