Image for ?????? ?? ?????

?????? ?? ????? : The Paradise Mystery, Hindi edition

See all formats and editions

एक आदमी बाहर खडा था - एक बजरग, मामली-सा, शात-दिखन वाला आदमी, जिसन बरायस को आध-अधर, आध-घबराए हए हवा स दखा; एक आदमी की हवा जो ढग स शरमीली थी और जाहिर तौर पर डरान-धमकान स डरती थी। बरायस की तवरित, चौकस आख उस एक नजर म ल गई, बहत पहना हआ और पकतिबदध चहरा, पतल भर बाल और थकी हई आख; यह एक आदमी था, उसन खद स कहा, जिसन मसीबत दखी थी। फिर भी, एक गरीब आदमी नही, अगर उसकी सामानय उपसथिति कछ भी होन वाली थी - वह अचछी तरह स और यहा तक कि महग कपड पहन हए था, आम तौर पर अचछी तरह स वयापारियो और शहर क परषो दवारा परभावित शली म; उनक कपड फशनबल ढग स कट हए थ, उनकी रशम टोपी नई थी, उनक लिनन और जत बमतलब थ; उनक धयान स वयवसथित दपटट म एक शानदार हीर की पिन चिगारी थी। फिर, यह अचक रप स भयावह और आधा-भयभीत तरीका - जो बरायस की दषटि म कछ हद तक राहत भरा लग रहा था?


Read More
Special order line: only available to educational & business accounts. Sign In
£8.99 Save 10.00%
RRP £9.99
Product Details
Baagh Press2
1034328697 / 9781034328698
Paperback / softback
09/04/2021
282 pages
152 x 229 mm, 381 grams
General (US: Trade) Learn More