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?? ???? ?? ???? ??? : What Can She Do?, Hindi edition

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यह जनवरी की शरआत म एक बहत ठडा धधला दिन था, और यहा तक ​​कि शानदार थरसट बरॉडव न सरदियो क सबस कठोर डब क परभाव को महसस किया। वहा बरफ की भारी गिरावट हई थी, जो मखय रप स फटपाथो स साफ होन क बावजद, सडको पर समान रप स बिना ढक और बिना ढक लटी हई थी। पासिग गल क योगय उतसाह न इस पकड लिया और इस हर दिशा म आग बढाया। छत, सीढियो और खिडकी-सीलो स, छोट हिमसखलन अचानक चौक हए पदल यातरियो पर चढ, और हवा यहा थी और बादलो क जगली जलदी स बड पमान पर गिरन वाल गचछ क साथ भरी हई थी, तफान क पीछ-पहर कि उततरपशचिम हवा काटन समदर की ओर डराइविग। दोपहर का समय था, और बडी चहल-पहल लगभग सनसान थी। ऐस मौसम म खशी क लिए वासतव म कछ भी विदश म नही होगा, और मानवता क महान जवार को इस चनल को हर साल क सभी कारय दिवसो म ऊपर और नीच परवाहित करना होगा जो अभी तक उततर की ओर नही बढा था। लकिन निशचित रप स तज, लोचदार कदमो क साथ सडक पर आन वाली यह सदर आकति गभीर वयवसाय की परवाह किए बिना एक भी आग बढन का पहल नही ह, और न ही चीजो क पराकतिक पाठयकरम म, एक यवा महिला स जीवन क बोझ और जिममदारियो क बार म अधिक जानन की उममीद होगी। जब वह गजरती ह मझ यकीन ह कि पाठक इतनी सखद दषटि स दर नही होग, भल ही बरॉडव अपन सभी अनगिनत आकरषण पश कर रहा हो, लकिन ऐस समय म इस अवसर पर सबस अधिक लाभ होगा, आशवासन दिया कि कछ भी नही तो उसकी आख नमसकार करगी उस दिन फिर स।


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Product Details
Baagh Press2
1034722158 / 9781034722151
Paperback / softback
09/04/2021
434 pages
152 x 229 mm, 576 grams