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Gar Kwhaiyishein Turag Hotin गर ख्]वाईशें तुरग होतीं (हिंद&#23

Part of the नदी का गीत नीलाम&#2368 series
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बलिवदी पर फकी हई और खानाबदोश, रोजी जालबडोरा न आस‍टरलिया क आतरिक कषतर क सीमा म गवरनस की नौकरी ल ली। वहा उसकी मलाकात पीपा बरिस‍टोह नामक एक भावक बच‍ची स हई जो अपन माता-पिता क कट अलगाव का सामना परियो की रानी और एक सीग वाल जानवर क जादई दनिया म पलायन कर करती था।

पीपा को उसक थका दन वाली पढाई-लिखाई म पकड जमान क नियत काम क लिए रोजी की नियक‍ती की गई और इस तरह वह पीपा क पिता, एडम एव तल खादानो की उततराधिकारिणी,उनकी स‍वारथी पत‍नी ईवा, क बीच चल रही निगरानी क विवाद म एक मोहरा बन कर रह गई। जस-जस उनक बीच का तनाव बढता गया और रोजी, बरिस‍टोह परिवार क सकडो भद की जानकार बनती गई, वस-वस उस अपन भयाभय अतीत का भी सामना करना पडा। इसी दौरान उस अपन सरप एव अपराप‍य भावना वाल नियोक‍ता क लिए बढत आकरषण का भी सघरष करना पङगा। किन‍त उस मदद एक विचितर वयस‍क पडोसी, मितरतापरण शहर और हर रात उसक सपनो म आत हए एक घडसवार की छाया क रप म मिली।

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Product Details
Seraphim Press
1943036683 / 9781943036684
Paperback / softback
29/07/2018
210 pages
133 x 203 mm, 222 grams
General (US: Trade) Learn More