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Sattantaran : Bharat Ki Azadi Ka Swarnim Savera (सत्तांतरण भारत की आज़ादी का स्वर्णिम &#236

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1000 वरषो की दरदनाक गलामी और कषटदायक अपमान की गाथा म गोत लगाता हआ भारत, जिसक पास ससाधनो और धन की कमी नही थी। अततः वह अपन अतिम आकरमणकारी शकतिशाली बरिटिश शासको क चगल स वीरतापरवक मकत हो गया ।
हजारो वरषो तक विदशी शासन क अधीन रहन क बावजद भारत की पराचीन सासकतिक धरोहर और सभयता की विशिषटता कायम रही । भारतीय नताओ क मधय राजनीतिक भागीदारी इतनी परगाढ थी कि उसन बरिटिश नताओ की चालाकी व कटनीति को हर पहल म मात दी।
विसटन चरचिल भारत को अपना सथाई गलाम बनाए रख रहना चाहता था। भारत को राजनीतिक सवततरता दना उसक लिए एक शरमनाक हार सदशय थी। लकिन भारतीय नताओ क मजबत रातनीतिक कौशल एव मजबत इरादो न सवततरता हासिल कर बरिटिशो को करारी हार दी । बरिसटर जिनना न इस सवततरता क मारग म अनक कठिनाइया उतपनन की व भारत की अखडता को खडित कर विभाजन का कारण बन । बरिटिशो न भारत को इस आशा क साथ दो अलग-अलग राषटरो म विभाजित कर दिया ताकि व भारत क उन नाजक राजयो पर पनः आकरमण कर उन राषटरो क मधय सथाई दशमनी उतपनन कर द तथा व उन पर पनः राज कर सक ।
महातमा गाधी न अपनी अतिम सास तक हिद-मसलिम एकता और अविभाजित भारत क लिए सघरष किया । अहिसा, सारवभौमिक भाइचार की भावना और सहिषणता क लिए उनक आदरश एव उपदश आधनिक दनिया की वरतमान समसयाओ क लिए सारवभौमिक सतय और रामबाण दवा बन गए ।

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Product Details
diamond pocket books pvt ltd
9356842256 / 9789356842250
Paperback / softback
17/12/2022
346 pages
140 x 216 mm, 440 grams
Teenage / Young Adult Learn More